Menu
blogid : 8082 postid : 114

कुछ तुम बदलो, कुछ हम बदले

राजनीति
राजनीति
  • 40 Posts
  • 1401 Comments

मेरे आदरणीय श्री “शशिभूषण” सर द्वारा दी गयी पंक्तियों पर मेरी एक छोटी सी असफल कोशिश
नम्र निवेदन – आराम से पढ़ें, जल्दी में नहीं


कुछ तुम बदलो, कुछ हम बदले,
ये दुनिया चलो बदल डालें !
सुर मिले सभी का एक साथ,

संगीत नया हम रच डालें !!

.

ये याद रहे हम मानव है,
जो मानवता का मूलक है,,
हम अवोध रूपी इक बालक है,
जो हठी के संग अनुकूलक है,
हम नर में ही तो “राम” बसे,
नर में ही बसे तो “रावण” है,
मन के हाली में जा देखो,
एक प्रेम – वाटिका उपवन है,
मन निर्मल है, मन चंचल है,
इसमें कोई कुंठा ना पालें,

.

कुछ तुम बदलो, कुछ हम बदले,
ये दुनिया चलो बदल डालें !..

.

गर मन में कोई बैर भड़ा,
तर्कों से उसका हल खोजे,
छूटी बातों में क्या रखा,
हम आज में अपना हल खोजें,
बड़ी छोटी उम्र मिली हमको,
नफरत को जगह नहीं देना,,
चलो प्यार को मिलकर बांटे सब,
इंसां को सजा नहीं देना,
इंसां में “अल्लाह-राम” बसे,
ये मंत्र अभी बना डालें ,

.

कुछ तुम बदलो, कुछ हम बदले,
ये दुनिया चलो बदल डालें !

सुर मिले सभी का एक साथ,

संगीत नया हम रच डालें !!

मान्यवर और आदरणीय लोगों के आदेश पर मैंने अपना ये लेख परिवर्तित कर लिया है किन्तु यदि अभी भी त्रुटी लगे तो पुनः अपना आशीर्वाद देते हुए मुझे इंगित करें


ANAND PRAVIN

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply